
अरकू वैली में बना ट्राइबल म्यूजियम पर्यटकों के लिए एक बहुत दिलचस्प जगह है। यह एक गोल झोपड़ीनुमा दो मंजिला संग्रहालय है। आदिवासियों के दैनिक रहन सहन, सामाजिक रीति रिवाज़, समारोहों इत्यादि विषयों से संबंधित बहुत ही सजीव झांकियां यहाँ पर प्रभावपूर्ण तरीके से प्रदर्शित की गई हैं।
यहाँ पर आंध्र प्रदेश के आदिवासियों के विषय में बहुत ही ज्ञानवर्द्धक जानकारी मिलती हैं, जैसे कि वहाँ की बीस आदिवासी जनजातियाँ मुख्य रूप से किस-किस जिले में रहती हैं और क्या व्यवसाय करती हैं कौन कौन से त्योहार उनके द्वारा मनाए जाते हैं, कौन से नृत्य वहाँ पर प्रचलित हैं। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम, विजयानगरम, श्रीकाकुलम व ईस्ट गोदावरी जिलों में आदिवासियों की यह बीस जनजातियाँ बहुलता में निवास करती हैं। इन क्षेत्रों के आदिवासी बसाया खेती, झूम खेती, गैर काष्ठ जंगली उत्पादों को इकट्ठा करना आदि जैसे व्यवसायों से अपनी आजीविका चलाते हैं। विभिन्न अवसरों पर अपनी खुशी का इज़हार करने के लिए अलग अलग आदिवासियों द्वारा अलग-अलग तरह के नृत्य किये जाते हैं जिनमें दिमसा नृत्य प्रमुख है। संग्रहालय परिसर में मनोरंजन के लिए बोटिंग व ज़िपलाइनर जैसे आधुनिक साधन भी उपलब्ध है।
-सचिन देव शर्मा